भारतीय स्वतंत्रता के समय कुल देशी रियासतों की संख्या 562 थी इन देसी रियासतों का विलय देसी रियासत समिति के अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में किया गया इस कारण सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत का बिस्मार्क तथा आयरन मैन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है
इन देसी रियासतों में सबसे बड़ा रियासत हैदरा हैदराबाद था इन देसी रियासतों में कश्मीर हैदराबाद तथा जूनागढ़ का विलय सबसे अंत में किया गया
- जम्मू कश्मीर का विलय- विलय पत्र के द्वारा 26 अक्टूबर 1947
- हैदराबाद का विलय – पुलिस कार्रवाई के द्वारा 1 नवंबर 1948
- जूनागढ़ रियासत का विलय- जनमत सर्वेक्षण के द्वारा 20 फरवरी 1949
राज्यों के पुनर्गठन हेतु भारत सरकार के द्वारा 1947 में एस के दर आयोग का गठन किया गया इस आयोग ने कहा भाषा के आधार पर राज्यों का गठन नहीं किया जाना चाहिए बल्कि वित्तीय आत्मनिर्भरता और भौगोलिक क्षेत्रों के आधार पर किया जाना चाहिए
दर आयोग की सिफारिशों पर विचार करने हेतु 1948 में कांग्रेस के जयपुर अधिवेशन जवाहरलाल नेहरू वल्लभ भाई पटेल पट्टाभि सीतारमैया के नेतृत्व में एक अन्य आयोग का गठन किया गया जिसे j v p आयोग के नाम से जाना गया ।
इस आयोग ने कहा कि भाषा के आधार पर राज्यों का गठन ना करके राष्ट्र की एकता और अखंडता को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए इस आयोग की रिपोर्ट के पश्चात मद्रास राज्य की तेलुगु भाषियो ने पोट्टी श्रीरामुलू के नेतृत्व में आंदोलन प्रारंभ कर दिया 56 दिनों के आमरण अनशन से श्रीरामुलु की मृत्यु हो गई इससे भाषा के आधार पर राज्यों के गठन करने की मांग तेज हो गई इसके फलस्वरुप तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने तेलुगु भारतीयों के लिए पृथक आंध्र प्रदेश के गठन की घोषणा की इस प्रकार 1 अक्टूबर 1953 को आंध्र प्रदेश भाषा के आधार पर गठन होने वाला प्रथम राज्य बना
- आंध्र प्रदेश राज्य के गठन के पश्चात और क्षेत्रों में भी राज्यों का गठन भाषा के आधार पर किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी तथा 22 दिसंबर 1953 को भारत सरकार के द्वारा फजल अली की अध्यक्षता में राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया आयोग के अध्यक्ष के अतिरिक्त हृदयनाथ कुंजरू और के एम पणिक्कर अन्य सदस्य थे
इस आयोग ने राज्यों के पुनर्गठन के संबंध में निम्न सिफारिशें⚀
- जिन क्षेत्रों में कोई विशेष प्रकार की भाषा बोली जाती है उन्हें भाषा के आधार पर गठित किया जाए
- राज्य का पुनर्गठन राष्ट्रीय सुरक्षा वित्तीय एवं प्रशासनिक आवश्यकता को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए
- इस आयोग ने 16 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेशों की गठन की बात की.
आंध्र प्रदेश राज्य के गठन के पश्चात राज पुनर्गठन आयोग के द्वारा दिए गए सिफारिशों के आधार पर निम्न राज्यों का गठन किया गया
- आंध्र प्रदेश 1953 का नाम परिवर्तित कर 2. त्रावणकोर का नाम परिवर्तित कर 1956 में केरल राज्य का गठन
- मुंबई राज्य का विभाजन कर 1968 में महाराष्ट्र गुजरात का गठन
- असम को विभाजित कर 1962 में नागालैंड राज्य का गठन
- पंजाब को विभाजित कर 1966 में पंजाब तथा हरियाणा राज्य का गठन
- हिमाचल को पूर्ण राज्य का 1971 में दर्जा प्रदान किया गया
- मेघालय मणिपुर त्रिपुरा को 1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा
- संविधान के 36 वां संशोधन में 16 मई 1975 द्वारा सिक्किम को 22 वा राज्य का दर्जा दिया गया
- मिजोरम 1986
- अरुणाचल प्रदेश 1986
- गोवा 1987
- छत्तीसगढ़ उत्तराखंड झारखंड 2000 ई
- तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश का विभाजन कर दिया गया 2014.
- * वर्तमान समय में भारतीय संघ में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित राज्य है जिन्हें संविधान के प्रथम अनुसूची में शामिल किया गया है
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