वेदों पुराणों महाकाव्य आदि में बिहार का उल्लेख मिलता।
बिहार में पुरातात्विक स्थलों के खनन से जो पुरातात्विक अवशेष प्राप्त हुए हैं उनसे बिहार की प्राचीन इतिहास जानने का महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलता है।
पूरा पाषाण काल एवं पाषाण कालीन सामग्री मुंगेर से प्राप्त हुए हैं।
उत्तर पाषाण(neolithic ) काल से संबंधित सामग्री दक्षिणी मुंगेर और चिरांद ( सारण जिला) से प्राप्त हुए हैं।
चिरांद सोनपुर राजगीर एवं आंटीवक से काले एवं लाल मृदभांड प्राप्त हुए हैं।
कुम्हारार वैशाली जयमंगलगढ़ एवं नीलागढ़ से छठी शताब्दी ईस्वी पूर्व से दूसरी शताब्दी ईस्वी पूर्व के मध्य इतिहास का साक्ष्य मिला है ।
मौर्यकालीन इतिहास के महत्वपूर्ण साक्ष्य कुम्हारार से प्राप्त हुए है, बराबर एवं नागार्जुनी पहाड़ियों की गुफाओं से भी मौर्य काल के इतिहास की जानकारी मिली है ।
कुम्हारार लौरिया नंदनगढ़ वैशाली एवं रामापुरवा से अशोक के अभिलेख प्राप्त हुए हैं।
वैशाली से गुप्त काल का मुहर प्राप्त हुआ है, जो तत्कालीन प्रशासनिक आर्थिक स्थिति के साक्ष्य को प्रस्तुत करती है ।
वर्तमान में नालंदा जिला से सातवीं शताब्दी का मंदिर प्राप्त हुआ है ,जो तत्कालीन स्थापत्य कला के प्रकट करत है ।
बिहार में स्थित गुप्तकालीन नालंदा विश्वविद्यालय और पाल कालीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के अवशेष अपने अपने समय के इतिहास संबंधी प्रमाणित स्रोत है।
पटना गया एवं मुंगेर से पाल युगीन बौद्ध मूर्तियां प्राप्त हुई है, जो तत्कालीन मूर्ति कला के विकास पर प्रकाश डालती हैं।
बिहार से आहत सिक्के पटना पूर्णिया के क्षेत्रों से प्राप्त हुए हैं। जो छठी शताब्दी ईस्वी पूर्व से दूसरी शताब्दी ईस्वी पूर्व के मध्य जारी किए गए
कुषाण युग के सिक्के बक्सर से प्राप्त हुए है ।
गुप्त काल के सिक्के हाजीपुर से प्राप्त हुए है ।
बिहार का प्राचीनतम वर्णन अथर्ववेद में मिलता है।
बिहार के क्षेत्रों में आर्यों के विस्तार का वर्णन शतपथ ब्राह्मण में मिलता है।
बिहार की विस्तृत जानकारी रामायण महाभारत एवं पुराणों से भी प्राप्त होती है।
छठी शताब्दी ईस्वी पूर्व से मौर्य वंश तक के इतिहास जानने का स्रोत बौद्ध ग्रंथ है ।
बिहार के महाजनपदों का उल्लेख ‘अंगुत्तर निकाय’ में मिलता है।
मौर्यकालीन बिहार के इतिहास जानने के महत्वपूर्ण स्रोत है:-
कहल्ण कि
राजतरंगिनी
पतंजलि
महाभाष्य
विकास दत्त
मुद्राराक्षस
मेगास्थनीज
इंडिका
कौटिल्य
अर्थशास्त्र
22. विदेशी यात्रियों के विवरण जिनसे बिहार के इतिहास पर प्रकाश पड़ता है। मुख्य हैं:-
मेगास्थनीज की
इंडिका
हेनसांग का
यात्रा वृतांत
तिब्बती इतिहासकार लामा तारानाथ का रचित
सांध्यकर
नन्दी द्वारा रचित
रामचरित
23. बिहार के मध्ययुगीन इतिहास जानने के मुख्य स्रोत हैं:-